इक शजर ऐसा मोहब्बत का लगाया जाए By Sher << आँसू फ़लक की आँख से टपके ... बस्ती बस्ती जंगल जंगल घूम... >> इक शजर ऐसा मोहब्बत का लगाया जाए जिस का हम-साए के आँगन में भी साया जाए Share on: