एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा By Sher << हम अपने रफ़्तगाँ को याद र... मुझ से जो चाहिए वो दर्स-ए... >> एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा आँख हैरान है क्या शख़्स ज़माने से उठा Share on: