इक टीस जिगर में उठती है इक दर्द सा दिल में होता है By हिज्र, फ़ेमस शायरी, Sher << उस को मतलब का जब मिला मौस... पान बन बन के मिरी जान कहा... >> इक टीस जिगर में उठती है इक दर्द सा दिल में होता है हम रात को रोया करते हैं जब सारा आलम सोता है Share on: