पान बन बन के मिरी जान कहाँ जाते हैं By पान, Sher << इक टीस जिगर में उठती है इ... तेरे होंठों के तईं पान से... >> पान बन बन के मिरी जान कहाँ जाते हैं ये मिरे क़त्ल के सामान कहाँ जाते हैं Share on: