फ़ासला नज़रों का धोका भी तो हो सकता है By Sher << बोसे हैं बे-हिसाब हर दिन ... नशात-ए-इज़हार पर अगरचे रव... >> फ़ासला नज़रों का धोका भी तो हो सकता है वो मिले या न मिले हाथ बढ़ा कर देखो Share on: