फाड़ कर ख़त उस ने क़ासिद से कहा By Sher << ग़ैर से नफ़अत जो पा ली ख़... इस रेंगती हयात का कब तक उ... >> फाड़ कर ख़त उस ने क़ासिद से कहा कोई पैग़ाम-ए-ज़बानी और है Share on: