इस रेंगती हयात का कब तक उठाएँ बार By Sher << फाड़ कर ख़त उस ने क़ासिद ... ज़िंदगी की बिसात पर '... >> इस रेंगती हयात का कब तक उठाएँ बार बीमार अब उलझने लगे हैं तबीब से Share on: