तेरे मिलाप बिन नहीं 'फ़ाएज़' के दिल को चैन By Sher << न इंतिज़ार करो कल का आज द... इश्क़-ए-ख़ूबाँ नहीं है ऐस... >> तेरे मिलाप बिन नहीं 'फ़ाएज़' के दिल को चैन ज्यूँ रूह हो बसा है तू उस के बदन में आ Share on: