फ़लक देता है जिन को ऐश उन को ग़म भी होते हैं By Sher << फ़सुर्दा-दिल कभी ख़ल्वत न... इक अदा मस्ताना सर से पाँव... >> फ़लक देता है जिन को ऐश उन को ग़म भी होते हैं जहाँ बजते हैं नक़्क़ारे वहाँ मातम भी होता है Share on: