इक अदा मस्ताना सर से पाँव तक छाई हुई By Sher << फ़लक देता है जिन को ऐश उन... दुनिया में जानता हूँ कि ज... >> इक अदा मस्ताना सर से पाँव तक छाई हुई उफ़ तिरी काफ़िर जवानी जोश पर आई हुई Share on: