किस ख़राबी से ज़िंदगी 'फ़ानी' By Sher << ग़ुरूर भी जो करूँ मैं तो ... कोई तस्वीर मुकम्मल नहीं ह... >> किस ख़राबी से ज़िंदगी 'फ़ानी' इस जहान-ए-ख़राब में गुज़री Share on: