कोई तस्वीर मुकम्मल नहीं होने पाती By तस्वीर, साया, धूप, Sher << किस ख़राबी से ज़िंदगी ... ख़रीदारी है शहद ओ शीर ओ क... >> कोई तस्वीर मुकम्मल नहीं होने पाती धूप देते हैं तो साया नहीं रहने देते Share on: