फटे पुराने बदन से किसे ख़रीद सकूँ By Sher << दिल की बात लबों पर ला कर ... वो आग बुझी तो हमें मौसम न... >> फटे पुराने बदन से किसे ख़रीद सकूँ सजे हैं काँच के पैकर बड़ी दुकानों में Share on: