फ़ुरात-ए-चश्म पे है कर्बला की तुग़्यानी By Sher << भूल जाओगे कि रहते थे यहाँ... उस ने पूछा था क्या हाल है >> फ़ुरात-ए-चश्म पे है कर्बला की तुग़्यानी दरून-ए-कूफ़ा-ए-दिल ईद करने आया हूँ Share on: