दिल की बुनियाद पे ता'मीर कर ऐवान-ए-हयात By Sher << अपना लहू भर कर लोगों को ब... इबरत-आबाद भी दिल होते हैं... >> दिल की बुनियाद पे ता'मीर कर ऐवान-ए-हयात क़स्र-ए-शाही तो ज़रा देर में ढह जाते हैं Share on: