फिर भी हम लोग वहाँ जीते हैं जीने की तरह By Sher << सब के होंटों पे मुनव्वर ह... मैं वो सहरा जिसे पानी की ... >> फिर भी हम लोग वहाँ जीते हैं जीने की तरह मौसम-ए-क़हर जहाँ ठहरा हुआ रहता है Share on: