सब के होंटों पे मुनव्वर हैं हमारे क़िस्से By Sher << सफ़र सफ़र मिरे क़दमों से ... फिर भी हम लोग वहाँ जीते ह... >> सब के होंटों पे मुनव्वर हैं हमारे क़िस्से और हम अपनी कहानी भी नहीं जानते हैं Share on: