फिर उस गली से अपना गुज़र चाहता है दिल By Sher << ये सर-ब-मोहर बोतलें हैं ज... हैं आज क्यूँ ज़लील कि कल ... >> फिर उस गली से अपना गुज़र चाहता है दिल अब उस गली को कौन सी बस्ती से लाऊँ मैं Share on: