देख रफ़्तार-ए-इंक़लाब 'फ़िराक़' By Sher << ज़रूरत उस की हमें है मगर ... फिर ज़मीं खींच रही है मुझ... >> देख रफ़्तार-ए-इंक़लाब 'फ़िराक़' कितनी आहिस्ता और कितनी तेज़ Share on: