ग़ज़ल कही है कोई भाँग तो नहीं पी है By Sher << गुल-दान में गुलाब की कलिय... घर ने अपना होश सँभाला दिन... >> ग़ज़ल कही है कोई भाँग तो नहीं पी है मुशाइरे में तरन्नुम से क्यूँ सुनाऊँ मैं Share on: