घर ने अपना होश सँभाला दिन निकला By Sher << ग़ज़ल कही है कोई भाँग तो ... घर में क्या आया कि मुझ को >> घर ने अपना होश सँभाला दिन निकला खिड़की में भर गया उजाला दिन निकला Share on: