गाली के सिवा हाथ भी चलता है अब उन का By Sher << गर्मी लगी तो ख़ुद से अलग ... ग़म-ओ-अलम भी हैं तुम से ख... >> गाली के सिवा हाथ भी चलता है अब उन का हर रोज़ नई होती है बेदाद की सूरत Share on: