ग़म-ओ-अलम भी हैं तुम से ख़ुशी भी तुम से है By Sher << गाली के सिवा हाथ भी चलता ... बेदम ये मोहब्बत है या कोई... >> ग़म-ओ-अलम भी हैं तुम से ख़ुशी भी तुम से है नवा-ए-सोज़ में तुम हो सदा-ए-साज़ में तुम Share on: