ग़म मुसलसल हो तो अहबाब बिछड़ जाते हैं By Sher << दिखाऊँगा तुझे ज़ाहिद उस आ... जब भी ये दिल उदास होता है >> ग़म मुसलसल हो तो अहबाब बिछड़ जाते हैं अब न कोई दिल-ए-तन्हा के क़रीं आएगा Share on: