ग़म-ए-दौराँ ग़म-ए-जानाँ ग़म-ए-उक़्बा ग़म-ए-दुनिया By Sher << गर्मी-ए-शिद्दत-ए-जज़्बात ... ख़त्म होता ही नहीं मेरा स... >> ग़म-ए-दौराँ ग़म-ए-जानाँ ग़म-ए-उक़्बा ग़म-ए-दुनिया 'कँवल' इस ज़िंदगी में ग़म के मारों को न चैन आया Share on: