ग़म-ए-हयात ओ ग़म-ए-दोस्त की कशाकश में By Sher << हुस्न की शर्त-ए-वफ़ा जो ठ... गहरे सुर्ख़ गुलाब का अंधा... >> ग़म-ए-हयात ओ ग़म-ए-दोस्त की कशाकश में हम ऐसे लोग तो रंज-ओ-मलाल से भी गए Share on: