गर सुकूँ चाहिए इस लम्हा-ए-मौजूद में भी By Sher << बहुत अच्छा हुआ आँसू न निक... कोई दस्तक कोई आहट न सदा ह... >> गर सुकूँ चाहिए इस लम्हा-ए-मौजूद में भी आओ इस लम्हा-ए-मौजूद से बाहर निकलें Share on: