कोई दस्तक कोई आहट न सदा है कोई By Sher << गर सुकूँ चाहिए इस लम्हा-ए... फ़लक बेदाद करता है जो जौर... >> कोई दस्तक कोई आहट न सदा है कोई दूर तक रूह में फैला हुआ सन्नाटा है Share on: