गर्दिश-ए-वक़्त का कितना बड़ा एहसाँ है कि आज By Sher << कहते हैं छुप के रात को पी... ये आना कोई आना है कि बस र... >> गर्दिश-ए-वक़्त का कितना बड़ा एहसाँ है कि आज ये ज़मीं चाँद से बेहतर नज़र आती है हमें Share on: