कहते हैं छुप के रात को पीता है रोज़ मय By Sher << ख़ैर बदनाम तो पहले भी बहु... गर्दिश-ए-वक़्त का कितना ब... >> कहते हैं छुप के रात को पीता है रोज़ मय वाइ'ज़ से राह कीजिए पैदा किसी तरह Share on: