ग़ुंचा-ए-गुल के सबा गोद भरी जाती है By Sher << कुछ इस तरह तिरी उल्फ़त मे... इक तिरी याद गले ऐसे पड़ी ... >> ग़ुंचा-ए-गुल के सबा गोद भरी जाती है एक परी आती है और एक परी जाती है Share on: