ग़ुर्बत की तेज़ आग पे अक्सर पकाई भूक By Sher << एक झोंका तिरे पहलू का महक... मेरी तरफ़ सभी कि निगाहें ... >> ग़ुर्बत की तेज़ आग पे अक्सर पकाई भूक ख़ुश-हालियों के शहर में क्या कुछ नहीं किया Share on: