ग़ुर्बत की ठंडी छाँव में याद आई उस की धूप By Sher << बाँधा था ख़ुद ही आप ने पै... पहाड़ भाँप रहा था मिरे इर... >> ग़ुर्बत की ठंडी छाँव में याद आई उस की धूप क़द्र-ए-वतन हुई हमें तर्क-ए-वतन के बाद Share on: