ग़ुस्सा आता है प्यार आता है By रक़ीब, Sher << धूप बिस्तर तलक चली आई ख़ुद अपनी शय पे अधूरा है ... >> ग़ुस्सा आता है प्यार आता है ग़ैर के घर से यार आता है Share on: