गया क़रीब जो परवाना रह गया जल कर By Sher << इस दिलबरी की शान के क़ुर्... ज़िंदगी राज़ी नहीं थी ग़म... >> गया क़रीब जो परवाना रह गया जल कर जमाल ख़ास हदों तक जमाल होता है Share on: