ग़ैर पूछें भी तो हम क्या अपना अफ़्साना कहें By Sher << तह-ए-आरिज़ जो फ़रोज़ाँ है... मैं तुझ को चाहूँ तो ऐसा क... >> ग़ैर पूछें भी तो हम क्या अपना अफ़्साना कहें अब तो हम वो हैं जिसे अपने भी बेगाना कहें Share on: