घर के दीवार-ओ-दर पे शाम ही से By Sher << हार हो जाती है जब मान लिय... बिछड़ के भी वो मिरे साथ ह... >> घर के दीवार-ओ-दर पे शाम ही से नज़्म लिखता हुआ है सन्नाटा Share on: