गो हम शराब पीते हमेशा हैं दे के नक़्द By Sher << सहर को उठते हैं वो देख कर... इक शहंशाह ने दौलत का सहार... >> गो हम शराब पीते हमेशा हैं दे के नक़्द लेकिन मज़ा कुछ और ही पाया उधार में Share on: