सहर को उठते हैं वो देख कर कफ़-ए-रंगीं By Sher << चाँद चढ़ता देखना बेहद समु... गो हम शराब पीते हमेशा हैं... >> सहर को उठते हैं वो देख कर कफ़-ए-रंगीं अब आइने पे भी सिक्के हिना के बैठ गए Share on: