गो राहज़न का वार भी कुछ कम न था मगर By Sher << हवा सहला रही है उस के तन ... फ़नकार ब-ज़िद है कि लगाएग... >> गो राहज़न का वार भी कुछ कम न था मगर जो वार कारगर हुआ वो रहनुमा का था Share on: