फ़नकार ब-ज़िद है कि लगाएगा नुमाइश By Sher << गो राहज़न का वार भी कुछ क... ऐसे हालात में इक रोज़ न ज... >> फ़नकार ब-ज़िद है कि लगाएगा नुमाइश मैं हूँ कि हर इक ज़ख़्म छुपाने में लगा हूँ Share on: