गोशा-ए-दिल की ख़मोशी का तमन्नाई मैं By Sher << क़िस्मत में क्या है देखें... ख़ुदा आबाद रक्खे मय-कदे क... >> गोशा-ए-दिल की ख़मोशी का तमन्नाई मैं और हंगामे उठा लाया है बाज़ार से तू Share on: