ख़ुदा आबाद रक्खे मय-कदे को By Sher << गोशा-ए-दिल की ख़मोशी का त... रूह घबराई हुई फिरती है मे... >> ख़ुदा आबाद रक्खे मय-कदे को बहुत सस्ते छुटे दुनिया-ओ-दीं से Share on: