गुमान ही असासा था यक़ीन का By Sher << है लफ़्ज़-ओ-मा'नी का ... बराए-नाम सही कोई मेहरबान ... >> गुमान ही असासा था यक़ीन का यक़ीन ही गुमान में नहीं रहा Share on: