है लफ़्ज़-ओ-मा'नी का रिश्ता ज़वाल-आमादा By Sher << हर एक लम्हा सरों पे है सा... गुमान ही असासा था यक़ीन क... >> है लफ़्ज़-ओ-मा'नी का रिश्ता ज़वाल-आमादा ख़याल पैदा हुआ भी न था कि मर भी गया Share on: