हाए वो हाथ भी तलवार-ए-सितम काट गई By Sher << चंद मुद्दत को फिराक़-ए-सन... क़फ़स से आशियाँ तब्दील कर... >> हाए वो हाथ भी तलवार-ए-सितम काट गई जो था आँधी में चराग़ों को जलाने वाला Share on: