हाए वो राज़-ए-ग़म कि जो अब तक By Sher << वो लोग आज ख़ुद इक दास्ताँ... मिरे गुमाँ ने मिरे सब यक़... >> हाए वो राज़-ए-ग़म कि जो अब तक तेरे दिल में मिरी निगाह में है Share on: