है एक ही लम्हा जो कहीं वस्ल कहीं हिज्र By Sher << हुस्न-ए-फ़ितरत की आबरू मु... अदब का ज़ीना मिला ज़ीस्त ... >> है एक ही लम्हा जो कहीं वस्ल कहीं हिज्र तकलीफ़ किसी के लिए आराम किसी का Share on: