हुस्न-ए-फ़ितरत की आबरू मुझ से By Sher << चंद शाइ'र हैं जो इस श... है एक ही लम्हा जो कहीं वस... >> हुस्न-ए-फ़ितरत की आबरू मुझ से आब ओ गिल में है रंग-ओ-बू मुझ से Share on: