है गुलू-गीर बहुत रात की पहनाई भी By Sher << घर नया बर्तन नए कपड़े नए जो चला गया सो चला गया जो ... >> है गुलू-गीर बहुत रात की पहनाई भी तेरा ग़म भी है मुझे और ग़म-ए-तन्हाई भी Share on: